नए घर में प्रवेश करने से पहले क्यों की जाती है गृह प्रवेश की पूजा? पंडित जी से जानें नियम।

एक व्यक्ति के जीवन में अनेक बड़े अवसर आते हैं, जब वह ईश्वर का आभार प्रकट करने के लिए घर पर हवन-पूजन कराता है। गृह प्रवेश भी ईश्वर को आभार प्रकट करने की ही एक विधि है, जिसे नया घर खरीदने पर लोग करते हैं। एक नया घर खरीदना या बनवाना किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन की बड़ी उपलब्धियों में से एक है। हिंदुओं में जब भी कोई व्यक्ति नया घर बनवाता है या फिर खरीदता है तो उसमें रहने से पहले ईश्वर को घर पर न्यौता देता है। इसके लिए गृह प्रवेश की पूजा कराई जाती है।
गृह प्रवेश का अर्थ हमेशा नए घर में पूजा कराने से नहीं होता है। कई बार लोग अपने पुराने घर को ही रेनोवेट करवाते हैं। ऐसा भी होता है कि लोग किसी बने बनाए पुराने घर को खरीद कर उसमें रहने जाते हैं। इन स्थितियों में भी बहुत जरूरी है कि आप उस घर में रहने से पहले गृह प्रवेश की पूजा जरूर करें। ‘
जानिए डॉक्टर मृत्युंजय मिश्रा जी से गृह प्रवेश की पूजा विधि और ध्यान रखने योग्य बातें
पूजा विधि और कब करें गृह प्रवेश
सबसे पहले पंडित से गृह प्रवेश की तिथि और समय निकलवाएं। शुभ मुहूर्त पर भगवान गणेश का विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन करें। इसके बाद ही नए घर में प्रवेश करें। पंडित जी कहते हैं, ‘गृह प्रवेश कभी भी नहीं किया जा सकता है। इसके लिए माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ आदि माह बहुत ही शुभ होते हैं। भूल से भी सावन और पितृ पक्ष के समय नए घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। यदि आपका घर बन कर तैयार भी हो चुका है तो सही मुहूर्त का इंतजार करना चाहिए।’
रखें इन बातों का ध्यान
- जब भी नए घर में प्रवेश करें तो घर के मुख्य द्वार पर बंदनवार जरूर टांगे। बंदनवार यदि आम के पत्तों का हो तो यह बहुत ही शुभ होता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
- बंदनवार के साथ ही घर के मुख्य द्वार पर रंगोली जरूर बनाएं। ग्रंथों में ऐसा कहा गया है कि यदि आप ईश्वर को अपने घर पर आने का न्यौता दे रहे हैं तो आपको उन्हें प्रसन्न करने के लिए घर के द्वार को उनकी पसंद अनुसार सजाना चाहिए। देवी लक्ष्मी को रंगोली अति प्रिय होती है। यदि आप इसे घर के द्वार पर बनाती हैं तो आपके घर में माता लक्ष्मी वास करती हैं और आपको कभी भी आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
- जब भी नए घर में प्रवेश करें घर के मालिक को नारियल, हल्दी, गुड़, चावल और दूध जैसी शुभ चीजों को हाथ में लेकर प्रवेश करना चाहिए। ऐसा करने से उस स्थान पर मौजूद सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है।
- गृह प्रवेश करते समय गणपति की स्थापना और वास्तु पूजा जरूर करवाएं। इसके साथ ही वास्तु के हिसाब से ही अपने घर को सजाएं। ऐसा करने से हमेशा घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- नए घर में जब भी पहली बार प्रवेश करें, हमेशा पहले दाहिना पैर ही घर के अंदर रखें। यदि आप विवाहित हैं तो अपने पार्टनर के साथ ही गृह प्रवेश करें।
- जिस दिन गृह प्रवेश करवाएं उस दिन से लेकर 40 दिन तक उसी घर में रहें। गृह प्रवेश के 40 दिन तक घर में किसी एक व्यक्ति का रहना अनिवार्य है और घर पर किसी भी सूरत में ताला नहीं लगाएं। गृह प्रवेश के दिन घर की मालकिन को पूरे घर में पानी से भरा कलश घुमाना चाहिए और घर के हर कोने में फूल डालने चाहिए।
- गृह प्रवेश के दिन रसोई में दूध जरूर उबालें, साथ ही कोई मिठी चीज बना कर सबसे पहले भगवान को भोग लगाएं। इतना ही नहीं पहले दिन नए घर में जो भी भोजन पकाएं उसे पितृों के लिए भी निकालें और कुत्ते, कौए और गाए को खिलाएं। इससे घर में सुख-शांति तो आती ही है साथ ही हर तरह के दोष भी दूर होते हैं।